Introduction to Class 6 NCERT History Notes
इसमें हमने पूरे पाठ को समझाया है, साथ ही आप कक्षा 6 की इतिहास की हाइलाइटेड pdf (class 6 ncert history book pdf) को भी प्राप्त कर सकते हैं जिसका लिंक नीचे दिया गया है और अंत में अध्याय के प्रश्नों के उत्तर (class 6 history chapter 1 questions and answers) भी हमने इसमें बताये हैं| आशा करते हैं आपको Class 6 History ncert notes for upsc का यह ब्लॉग पसंद आएगा| अपने सुझाव कमेन्ट के माध्यम से शेयर जरुर करें|
इतिहास के बारे में कैसे पता लगायें? (How to know about history)
पिछले बीते हुए काल में क्या घटित हुआ था उसकी जानकारी इकठ्ठा करने के लिए या उसके बारे में जानने के लिए हम रेडियो सुन सकते हैं, टेलीविज़न देख सकते हैं, अख़बार पढ़ सकते हैं या फिर इन्टरनेट पर जानकारी ढूंढ सकते हैं| और यदि हमें बीते वर्षों की जानकारी प्राप्त करनी हो तो हम किसी बड़े-बुजुर्ग से उस समय की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं|
इतिहास या अतीत के बारे में हम क्या जान सकते हैं?
हम अपने मनुष्य जाति या इस धरती के इतिहास से विभिन्न चीज़ों के बारे में जान और समझ सकते हैं| इसका सबसे बढ़िया उदाहरण होगा कि पुराने समय में लोग क्या खाते होंगे, उनका पहनावा कैसा रहता होगा, उनके रहने की व्यवस्था कैसी होगी? साथ ही हम पुराने समय के राजा-महाराजाओं, कलाकारों, संगीतकारों या फिर वैज्ञानिकों के जीवन के बारे में जान सकते हैं|
प्राचीन काल में भारतीय उपमहाद्वीप में लोगों का निवास स्थान – (Ancient India and the Indian Subcontinent)
- एशिया महाद्वीप में मौजूद हमारा देश भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, मालदीव और श्रीलंका आदि देशों के समूह को भारतीय उपमहाद्वीप (Indian Subcontinent) कहा जाता है|
- प्राचीन काल में देशों के बीच सीमाओं के न होने के कारण लोग एक स्थान से दूसरे स्थान आसानी से भ्रमण करते थे| इसी कारण से हमें भारतीय उपमहाद्वीप के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों के रहने, भोजन, और शिकार करने के साक्ष्य प्राप्त होते हैं|
नीचे दिए गए मानचित्र में भारतीय उपमहाद्वीप (physical map of Indian subcontinent) के विभिन्न स्थानों के बारे में बताया है, मानचित्र को एक बार अच्छे से देखें|
अब जानते हैं भारतीय उपमहाद्वीप के कुछ प्रमुख स्थानों के बारे में जहाँ प्राचीन काल में लोगों ने निवास किया-
नर्मदा नदी के तट पर (Narmada Valley Civilization)
- सबसे पहले ऊपर दिए मानचित्र में नर्मदा नदी (Narmada River) ढूंढे| भारत के बीचों-बीच बहने वाली नर्मदा नदी के किनारे कई लाख वर्ष पहले मनुष्य के रहने के साक्ष्य है|
- इतिहासकारों से प्राप्त जानकारी से यह पता चलता है कि नर्मदा घाटी के लोग भोजन के लिए जड़ों, फलों और जंगल के अन्य उत्पादों का संग्रहण करते थे और जानवरों का शिकार (Narmada Valley Hunting and Gathering) भी किया करते थे|
सुलेमान और किरथर पहाड़ियों पर (Sulaiman and Kirthar Hills)
- अब मानचित्र में पश्चिम की ओर देखिये सुलेमान और किरथर की पहाड़ियां मौजूद हैं| सुलेमान और किरथर की पहाड़ियों के विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त साक्ष्यों से मालूम होता है कि यहाँ लगभग आठ हज़ार साल पहले मनुष्यों ने सबसे पहले गेहूं और जौं की फसलों को उगाना शुरू किया था|
- साथ ही भेड़, बकरी और गाय-बैल आदि जानवरों को पालतू बनाना शुरू किया था|
- इस क्षेत्र के लोग गांवों में निवास किया करते थे|
भारत के उत्तर-पूर्व में गारो तथा मध्य भारत में विन्ध्य पहाड़ियों पर – (Garo Hills and Vindhya Ranges)
- मानचित्र में देखें भारत के उत्तर-पूर्व में गारो पहाड़ियां (Garo Hills) और भारत के मध्य में विन्ध्य पहाड़ियां (Vindhya Range) मौजूद हैं|
- प्राचीन काल में इन क्षेत्रों में खेतीबाड़ी का विकास हुआ था| साथ ही विन्ध्य की पहाड़ियों के उत्तर में सबसे पहले चावल उगाये जाने के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं|
सिन्धु और इसकी सहायक नदियों के तट पर (Indus and its tributaries)
- मानचित्र में भारत के पश्चिम की ओर सिन्धु नदी (Indus River) और सिन्धु नदी की सहायक नदियों (Indus and its tributaries) को देखें|
- सहायक नदियाँ क्या होती हैं (What are Tributaries)– जो नदियाँ एक बड़ी नदी में मिल जाती हैं वे उस बड़ी नदी की सहायक नदियाँ (tributary) कहलाती हैं|
- जैसे सिन्धु नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ झेलम, चेनाब, रावी, व्यास और सतलुज नदी (Indus and its tributaries) हैं|
- इन नदियों के किनारे 4700 वर्ष पूर्व इंसानों ने नगरों की स्थापना की| आगे के ब्लॉग पोस्ट्स में हम सिन्धु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) के बारे में पढेंगे|
गंगा नदी के तट पर निवास (Ganga River Civilization)
- मानचित्र में गंगा नदी और सोन नदी देखें|
- गंगा और गंगा की सहायक नदियों के किनारे 2500 वर्ष पूर्व नगरों का विकास हुआ था|
- प्राचीन काल में गंगा के दक्षिण में और आस-पास के क्षेत्रों में ‘मगध’ राज्य की स्थापना हुई थी|
हमारे देश भारत का नामकरण कैसे हुआ (How did India get its name)
- हम अपने देश को इंडिया (India) और भारत (Bharat) के नाम से पुकारते हैं|
- ‘इण्डिया’ शब्द इण्डस से बना है जिसे संस्कृत में ‘सिन्धु’ (Sindhu) कहा जाता है|
- 2500 वर्ष पूर्व ईरान और यूनान से आने वाले यात्रियों ने सिन्धु को हिंदोस और इंदोस नाम दिया और सिन्धु नदी के पूर्व के भाग को इंडिया नाम प्रदान किया|
- भारत के उत्तर-पश्चिम में रहने वाले लोगों के समूह के लिए भरत नाम का प्रयोग किया जाता था| इस समूह के बारे में 3500 वर्ष पुरानी कृति ऋग्वेद (Rigveda) में उल्लेख प्राप्त होता है|
- अतीत के बारे में जानकारी कैसे प्राप्त होती है
प्राचीन भारतीय इतिहास के ऐतिहासिक स्त्रोत (Sources of Ancient Indian History)
हमें हमारे अतीत के बारे में जानकारियां विभिन्न माध्यमों से प्राप्त होती हैं| अतीत का अध्ययन करने वाले विद्वानों को इतिहासकार कहा जाता है| मुख्य रूप से हमें इतिहास के बारे में पांडुलिपियों, अभिलेखों और पुरातत्वों से जानकारियां प्राप्त होती हैं जिन्हें इतिहासकार ऐतिहासिक स्त्रोत (Historical Sources) कहते हैं| किसी स्त्रोत के प्राप्त होने पर ही हम अपने अतीत के बारे में पता लगा पाते हैं| आईये प्रमुख ऐतिहासिक स्त्रोतों (Sources of Ancient Indian History) के बारे में जानते हैं –
पांडुलिपियाँ (Manuscripts as historical sources)
- प्राचीन काल में प्रिंटिंग प्रेस या छपाईखाने नहीं होते थे जिस कारण पुस्तकें हाथों से लिखी जाती थी जिन्हें पाण्डुलिपि कहा जाता है| अंग्रेजी भाषा में ‘पाण्डुलिपि’ को ‘मैन्यूस्क्रिप्ट’ (manuscript) कहा जाता है जोकि लैटिन शब्द ‘मेनू’ से निकला है, जिसका अर्थ हाथ है|
- प्राचीन काल में कागज़ के अभाव के कारण पांडुलिपियाँ मुख्य रूप से ताड़पत्रों और हिमालयी क्षेत्रों में उगने वाले ‘भूर्ज’ नामक पेड़ की छाल से तैयार भोजपत्र में लिखी जाती थी|
- पेड़ की छाल से बने होने के कारण पांडुलिपियाँ मौसम और कीड़ों की वजह से ख़राब हो गयी, फिर भी बहुत से पांडुलिपियाँ हमारे सामने आज भी मौजूद हैं|
- पांडुलिपियों से हमें प्राचीन काल के राजा-महाराजाओं की जीवनी, विज्ञान, औषधियों, धार्मिक मान्यताओं के बारे में पता चलता है| बहुत से पांडुलिपियाँ संस्कृत, प्राकृत और तमिल भाषा में लिखी गयी हैं| प्राकृत भाषा का प्रयोग आम लोग किया करते थे|
अभिलेख (Inscriptions as a source of history)
- पत्थरों, धातुओं या कठोर सतहों पर उत्कीर्ण किये गए लेखों को अभिलेख कहा जाता है| प्राचीन काल में बहुत से शासकों ने अपने आदेश, युद्ध विजय का लेखा-जोखा आदि को इसी तक उत्कीर्ण करवाया था जिससे लोग इन अभिलेखों को देख कर उनके बारे में जान सकें|
- अभिलेख का एक उदाहरण अफ़गानिस्तान के कंधार से प्राप्त मौर्य वंश के शासक अशोक का अभिलेख (Ashoka Inscription) है | यह अभिलेख 2250 वर्ष पुराना है| अशोक के इस अभिलेख में यूनानी तथा अरामेइक (Kandahar Edict of Ashoka was written in Greek and Aramaic) दो लिपियों तथा भाषाओँ का प्रयोग किया गया है|
- भाषा और लिपि (Language and Script in History) – जब हम कुछ लिखते हैं तब हम किसी लिपि का प्रयोग करते हैं जैसे हिंदी भाषा में लिखने के लिए देवनागरी लिपि का इस्तेमाल किया जाता है, पंजाबी भाषा में लिखने के लिए गुरुमुखी लिपि का प्रयोग किया जाता है| लिपियाँ अक्षरों अथवा संकेतों से बनती हैं| जब भी हम कुछ बोलते या पढ़ते हैं तब हम एक भाषा का प्रयोग करते हैं जैसे यह ब्लॉग आप हिंदी भाषा में पढ़ रहे हैं|
पुरातत्व (Archeological sources of Indian History)
- पुराने समय में बहुत से वस्तुएं बनीं और प्रयोग में लायी जाती थीं जैसे धातुओं के औजार, हथियार, आभूषण, मूर्तियाँ, ईंट-पत्थर से बने मकान, बर्तन, सिक्के आदि| ऐसी वस्तुओं का अध्ययन करने वाले व्यक्ति को पुरातत्वविद् (Archeologist) कहा जाता है|
- पुरातत्व या पुरातत्व विज्ञान (Archeology) के माध्यम से प्राचीन काल की मानव संस्कृति और उनके द्वारा इस्तेमाल की गयी चीज़ों की छान-बीन तथा विभिन्न पुरातात्विक स्थलों की खुदाई करके हमारे सामने जानकारी प्रस्तुत की जाती है|
- इतिहासकार और पुरातत्वविद् इन विभिन्न ऐतिहासिक स्त्रोतों से प्राप्त जानकारी के माध्यम से इतिहास के बारे में जानने का प्रयास करते हैं|
- तिथियों का मतलब (Understanding Dates)
तिथियों का अर्थ (Meaning of Date in History)
तिथियों में इस्तेमाल होने वाले वर्ष का भी अपना अर्थ है| यदि हम बोलते हैं कि वर्तमान में वर्ष 2024 चल रहा है तो इसका अर्थ है ईसा मसीह के जन्म के 2024 वर्ष के बाद| वर्ष की गणना ईसाई धर्म-प्रवर्तक ईसा मसीह के के जन्म की तिथि से की जाती है| ईसा मसीह के जन्म से पूर्व की सभी तिथियाँ ई०पू० (ईसा से पहले) के रूप में जानी जाती हैं|
बी.सी., ए.डी., सी.ई. तथा बी.सी.ई. क्या होते हैं? Difference Between B.C., A.D., C.E. and B.C.E.
- अंग्रेजी में बी.सी. (B.C.) (हिंदी में ई.पू.) का अर्थ ‘बेफ़ोर क्राइस्ट’ (ईसा पूर्व) होता है यानि ईसा मसीह के जन्म से पूर्व के वर्ष|
- ए.डी. (हिंदी में ई.) अर्थात् ‘एनो डोमिनी’ का तात्पर्य ईसा मसीह के जन्म के वर्ष से है|
- बहुत सी जगह ए.डी. (एनो डोमिनी) (Anno Domini) की जगह सी.ई. (Common Era) और बी.सी. (Before Christ) की जगह बी.सी.ई. (Before Common Era) का प्रयोग किया जाता है|
- सी.ई. का अर्थ होता है ‘कॉमन एरा’ (Common Era) और बी.सी.ई. का अर्थ ‘बिफोर कॉमन एरा’ (Before Common Era) होता है|
कुछ महत्वपूर्ण तिथियाँ (Important dates)
- कृषि का आरम्भ – 8000 वर्ष पूर्व हुआ|
- सिन्धु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) के प्रथम नगर – 4700 वर्ष पूर्व बने|
- गंगा घाटी के नगर (Ganges Civilization) और मगध का बड़ा राज्य – 2500 वर्ष पूर्व बने|
Class 6 NCERT History Book PDF
- NCERT की कक्षा 6 की इतिहास की किताब के प्रथम अध्याय की हाइलाइटेड पीडीएफ फाइल (class 6 NCERT history chapter 1 pdf) को डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें|
कक्षा 6 इतिहास के अध्याय 1 के प्रश्नोत्तर (NCERT Solutions For Class 6 History Chapter 1)
कल्पना करो
प्रश्न 1- तुम्हें एक पुरातात्वाविद् का साक्षात्कार लेना है| तुम उन पांच प्रश्नों की एक सूची तैयार करो जिन्हें तुम पुरातात्वविद् से पूछना चाहोगी|
उत्तर – पांच प्रश्नों की सूची निम्नलिखित है –
- पुरातत्व क्या होता है?
- पुरातत्वविद् का कार्य क्या होता है?
- एक पुरातात्वविद् कैसे बन सकते हैं?
- खुदाई में प्राप्त चीज़ों की उम्र का पता कैसे किया जाता है?
- पुरानी चीज़ों की देखभाल कैसे करते हैं ताकि वे खराब न हों?
- आपकी सबसे बड़ी खोज क्या है और वह कैसे मिली?
- पुरातत्वविद् द्वारा कौन-कौन से उपकरणों और तकनीक का प्रयोग किया जाता है?
आओ याद करें
प्रश्न 1- निम्नलिखित का सुमेल करो :
नर्मदा घाटी | पहला बड़ा राज्य |
मगध | आखेट तथा संग्रहण |
गारो पहाड़ियां | लगभग 2500 वर्ष पूर्व के नगर |
सिन्धु तथा इसकी सहायक नदियाँ | आरंभिक कृषि |
गंगा घाटी | प्रथम नगर |
उत्तर – सही सुमेलित क्रम कुछ इस प्रकार होगा –
नर्मदा घाटी (Narmada Valley) | आखेट तथा संग्रहण (Hunting and Gathering) |
मगध (Magadha) | पहला बड़ा राज्य (First Big Kingdom) |
गारो पहाड़ियां (Garo Hills) | आरंभिक कृषि |
सिन्धु तथा इसकी सहायक नदियाँ (Indus and its tributaries) | प्रथम नगर |
गंगा घाटी (Ganga Valley) | लगभग 2500 वर्ष पूर्व के नगर |
प्रश्न 2- पांडुलिपियों तथा अभिलेखों में एक प्रमुख अंतर बताओ|
पांडुलिपियाँ | अभिलेख |
|
|
आओ चर्चा करें
प्रश्न 3- रशीदा के प्रश्न को फिर से पढ़ो। इसके क्या उत्तर हो सकते हैं?
उत्तर – रशीदा का प्रश्न था “कोई कैसे जान सकता है की इतने वर्षों पहले क्या हुआ था?”
- अभिलेख और पांडुलिपियों को पढ़कर|
- खुदाई से प्राप्त पुराने इमारतों, बर्तनों, औजारों, आभूषणों, सिक्कों, मुहरों, मूर्तियों और अन्य वस्तुओं का अध्ययन करके|
प्रश्न 4- पुरातत्त्वविदों द्वारा पाई जाने वाली सभी वस्तुओं की एक सूची बनाओ। इनमें से कौन-सी वस्तुएँ पत्थर की बनी हो सकती हैं?
उत्तर – पुरातत्वविदों द्वारा पाई जाने वाली मुख्य वस्तुओं की एक सूची निम्नलिखित है-
- मिट्टी के बर्तन
- सिक्के
- हथियार
- औजार
- गहने
- मूर्तियाँ
- भवनों के अवशेष
- हड्डियाँ
- पांडुलिपियाँ और अभिलेख
- सिक्के और मुहरें
- आभूषण
वे वस्तुएँ जो पत्थर की बनी हो सकती हैं उनकी सूची निम्नलिखित है-
- हथियार (जैसे पत्थर के कुल्हाड़े, भाले आदि)
- औजार (जैसे पत्थर के चाकू, खंजर आदि)
- मूर्तियाँ (जैसे देवी-देवताओं की पत्थर की मूर्तियाँ)
- भवनों के अवशेष (जैसे दीवारों और स्तंभों के पत्थर के हिस्से)
- सिक्के और मुहरें (कुछ सिक्के पत्थर से बनाए जाते थे)
प्रश्न 5- साधरण स्त्री तथा पुरुष अपने कार्यों का विवरण क्यों नहीं रखते थे? इसके बारे में तुम क्या सोचती हो?
उत्तर – पुराने समय में संसाधनों की कमी थी, आज की भांति सुविधाएँ प्राचीन काल में मौजूद नहीं थी| प्राचीन काल में न ही कागज़ था और पत्थर पर कुछ चीज़ लिखने या लिखवाने में समय और धन की आवश्यकता होती होगी|
प्रश्न 6 – कम से कम दो ऐसी बातों का उल्लेख करो जिनसे तुम्हारे अनुसार राजाओं और किसानों के जीवन में भिन्नता का पता चलता है।
राजा | किसान |
राजाओं के पास धन और संसाधन होते थे| | किसानों की स्थित अक्सर सामान्य होती थी और उनके पास सीमित संसाधन होते थे| |
एक राजा का मुख्य कार्य अपने राज्य की देखभाल और बाहरी आक्रमण से अपने राज्य की रक्षा करना होता था| | किसानों का मुख्य कार्य खेतीबाड़ी होता था| |
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (Frequently Asked Questions on Class 6 NCERT History Chapter 1)
भारत के उत्तर पश्चिम में स्थित सुलेमान और किरथर पहाड़ियों में कौन सी फसलें उगाई जाती थीं?
उत्तर – गेहूं और जौं|
मनुष्य द्वारा सर्वप्रथम फसलें कब उगाई गयी थीं?
उत्तर – लगभग 8000 वर्ष पूर्व मनुष्य द्वारा सबसे पहले गेहूं और जौं की फसलें उगाई थीं|
नर्मदा नदी का उद्गम कहाँ से होता है?
उत्तर – नर्मदा नदी का उद्गम मध्य प्रदेश के अमरकंटक पहाड़ियों से होता है|
What is the full form of BC, AD, BCE and CE?
Answer – BC stands for Before Christ. AD stands for Anno Domini, Latin for ‘in the year of the lord’. BCE stands for Before Common Era and CE stands for Common Era.
Read our other blog on Uttarakhand General Knowledge–
उत्तराखण्ड का सामान्य परिचय | General Introduction of Uttarakhand